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अपने बेबी की आँखों में खुशी की चमक देखना और उसकी खिलखिलाती हँसी सुनना, उसके साथ खेलने के लिए यही दो कारण काफ़ी हैं। हालाँकि उसके साथ बेबी लर्निंग गेम्स खेलने का एक और बड़ा कारण यह भी है कि ये गेम्स आपके बेबी के विकास में भी मदद करते हैं।

सिर्फ़ तीन साल की उम्र तक, आपके बेबी के 85% दिमाग का विकास हो जाता है। ऐसे अनुभव जो बार-बार होते हैं, जो एक जैसे होते हैं, जिनका अनुमान पहले ही से लगाया जा सके और जो कुछ सिखाते हों, आपके बेबी के दिमागी विकास में मदद तो करते हैं, लेकिन नए और अलग-अलग अनुभव और बेबी के गेम्स भी आपके बेबी के विकास में ज़रूरी भूमिका निभाते हैं।

जब आप अपने बेबी के साथ खेलते हैं, तो उसके सभी सेन्स: आँखें, कान, नाक, हाथ और मुँह का इस्तेमाल होता है। यही वो औज़ार हैं, जिनका इस्तेमाल वह दुनिया को समझने में करता है। इसलिए बेबी के साथ गेम्स खेलना बहुत ज़रूरी है।

आपके बेबी के लिए नीचे दिए गए गेम्स आजमाएँ, ताकि आपके बेबी के सभी सेन्स का इस्तेमाल हो सके।

नकल करना

हम जो आवाज़ें निकालते हैं, उनसे बेबी बात करना सीखता है। रिसर्च से यह साबित हुआ है, कि जिन छोटे बेबीस से बातें की जाती है, 2 साल की उम्र तक उन्हें ज़्यादा शब्दों का ज्ञान होता है और 3 साल की उम्र तक आपका बेबी जितने शब्द सुनता है, उनका संबंध उसके भविष्य में शिक्षा संबंधी सफलता से होता है।

अपने बेबी के साथ बातें करते हुए उसे ज़्यादा से ज़्यादा गेम्स खेलने के लिए बढ़ावा देते रहें। ऐसा करते समय, जब वो आपकी नकल करे, तो उसकी तारीफ़ करें। जब भी उसे कहानी सुनाएँ, तो उसे बताएँ कि बटन दबाने से आवाज़ निकलती है, जैसे एक बत्तख क्वेक-क्वेक करता है या फिर किताब का पन्ना कैसे पलटते हैं।

पीक-अ-बू

जब आप अपने बेबी को कपड़े पहना या डायपर बदल रहीं हों तो उसके साथ पीक-अ-बू खेलें। शुरुआत में वह आपको ध्यान से देखकर अपनी ख़ुशी जताएगा। और जैसे-जैसे वो बड़ा होता जाएगा, वो मुस्कुराएगा, आवाज़ें करेगा और अपने पैर चलाएगा। करीब 9 महीने का होने पर, वो आपको ढूँढेगा और डायपर या कपड़ा खींच लेगा।

नाच और गाना

अगर आपका कोई मनपसंद गीत है जो आपकी माँ आपके लिए गाया करती थी, तो इसी परंपरा को बनाए रखें और आप भी वही गाना अपने बेबी के लिए गाएँ। अपनी आवाज़ को लेकर ज़्यादा न सोचें। आपके बेबी को आपकी आवाज़ पसंद है। उसका मन लगाए रहने के लिए गाते-गाते नाचें भी। अलग-अलग तरह का संगीत सुनें और यह जानने की कोशिश करें कि आपके बेबी को सबसे ज़्यादा क्या पसंद आता है।

बॉल से खेलें

बेबी के लिए बॉल एक बहुत ही मज़ेदार गेम है, जो आपके बेबी के सभी सेन्स के विकास में मदद करता है। अगर हो सके तो अपने बेबी को अलग-अलग रंगों और टेक्सचर की बॉल दें। उसे उसके साथ खेलना और आगे-पीछे लुढ़कना सिखाएँ। बॉल के साथ वह क्या-क्या कर सकता है, यह उसे खुद ही सीखने दें। बाहर जाएँ और बॉल को किसी दिवार या फ़र्श पर फेकें और उछालें।

जैसे-जैसे आपका बेबी बड़ा होता है, वह अपने शरीर का इस्तेमाल करके इस दुनिया को समझना शुरू करता है। वो चीज़ों तक पहुँचना और उन्हें पकड़ना भी शुरू करेगा, जिससे वह अपने खिलौनों के साथ अलग-अलग ढंग से खेलना सीखेगा।

9 महीने की उम्र तक, आपका बेबी चीज़ों के कारण और उनके असर को समझने लगेगा। इसलिए, वह अब समझने लगेगा, कि अगर वह अपनी किताब में बटन दबाएगा तो बत्तख की क्वेक-क्वेक की आवाज़ आएगी। इसके साथ-साथ, वो यह भी समझने लगेगा, कि वे चीज़ें भी मौजूद होती हैं जो वो देख नहीं सकता है। वह जानता है, कि भले ही आप उसे दिखाई न दे रहे हों, आप उसके पीछे ही खड़े हैं।

अपने पहले बर्थडे तक, वो अपने इशारों, चेहरे के भावों, आवाज़ों या फिर शायद कुछ शब्दों से आपसे बात करना शुरू कर देगा।

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